Auspicious time selection

Auspicious time selection

शुभ मुहूर्त – शुभ मुहूर्त का शाब्दिक अर्थ है किसी कार्य को प्रारंभ करने के लिए एक ऐसा समय जो ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ और लाभकारी हो यह वह समय होता है जब ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति अनुकूल होती है, और कार्य में सफलता और समृद्धि, और सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना अधिक होती है।

भारतीय संस्कृति और ज्योतिष में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है।
विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, व्यापार आरंभ, यात्रा आरंभ , यज्ञ, पूजा, और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त का चयन या निर्धारण किया जाता है।
शुभ मुहूर्त का महत्व

1 – ग्रह दोषों का निवारण
सही मुहूर्त चुनने से अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
2 – शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे कार्य सुचारू रूप से संपन्न हो सके ।
3 – जीवन में समृद्धि और शांति –
शुभ मुहूर्त में कार्य करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और संतुलन आता है।
4 – शुभ मुहूर्त का निर्धारण ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर किया जाता है।

इसमें कई कारकों का ध्यान रखा जाता है जो कि निम्न अनुसार है

1- पंचांग के पांच अंग
पंचांग के पांच अंग तिथि, वार, नक्षत्र, योग, और करण को ध्यान में रखकर मुहूर्त निकाला जाता है।

2- ग्रहों की स्थिति
ग्रहों की चाल और उनकी कुंडली में स्थिति शुभ मुहूर्त निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होती है।

3 – चंद्रमा की स्थिति
चंद्रमा का स्थान और उसका नक्षत्र विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है।
4 – लग्न और राशि
व्यक्ति की कुंडली के अनुसार उसकी राशि और लग्न का अध्ययन करके शुभ मुहूर्त निकाला जाता है।
5 – कार्य का प्रकार
कार्य की प्रकृति के अनुसार मुहूर्त निकाला जाता है, जैसे विवाह के लिए अलग मुहूर्त और गृह प्रवेश के लिए अलग या किसी क्रूर कार्य के लिए अलग मुहूर्त

6 – सामान्य शुभ मुहूर्त —
कुछ ऐसे समय होते हैं, जिन्हें सामान्यत: शुभ माना जाता है और इनके लिए विशेष गणना की आवश्यकता नहीं होती या कई बार कोई कार्य करना ही हो और मुहूर्त न मिल रहा हो तो इन मुहूर्त का चयन कर देते है इसका नाम है
अभिजीत मुहूर्त
प्रतिदिन दोपहर के समय यह मुहूर्त आता है इसको शुभ माना जाता है।

7 – चौघड़िया मुहूर्त भारतीय ज्योतिष में दिन और रात को 8-8 हिस्सों में विभाजित कर शुभ और अशुभ समय को बताने वाली पद्धति है। इसे विशेष रूप से दैनिक कार्यों, यात्रा, व्यापार की शुरुआत और छोटे कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त जानने के लिए उपयोग किया जाता है। यह सरल और प्रभावी ज्योतिषीय पद्धति है, जो पंचांग पर आधारित होती ।

शुभ मुहूर्त का उपयोग विशेष रूप से निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाता है:

1 — विवाह
2 — गृह प्रवेश
3– नामकरण संस्कार
4– व्यापार आरंभ
5 — यात्रा या नया कार्य हेतु
6 — पूजा-अनुष्ठान हेतु
7 — भूमी पूजन
8 — मंडन मुहूर्त हेतु
9 — जनेऊ संस्कार हेतू

शुभ मुहूर्त का उद्देश्य किसी भी कार्य को सही समय पर प्रारंभ करके उसमें सफलता और सकारात्मकता सुनिश्चित करना है। यह भारतीय ज्योतिष और संस्कृति का अभिन्न अंग है। किसी भी शुभ कार्य के लिए योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेकर शुभ मुहूर्त का चयन करना अत्यंत लाभकारी होता है।
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