भारतीय ज्योतिष और पश्चिमी ज्योतिष दोनों में यह चौथी राशि है। यह राशि जल तत्व से संबंधित होती है और इसका स्वामी चंद्रमा को माना जाता है। कर्क राशि का प्रतीक चिन्ह केकड़ा (Crab) है, जो संवेदनशीलता, सुरक्षा, और आत्मरक्षा का प्रतीक है।
कर्क राशि का समयकाल
पश्चिमी ज्योतिष के अनुसार 21 जून से 22 जुलाई तक कर्क राशि होती है अर्थात जब सूर्य कर्क राशि मे गोचर करता है ।
वैदिक ज्योतिष यह चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करता है । कर्क राशि के जातक बहुत भावुक और संवेदनशील होते हैं। वे दूसरों की भावनाओं को गहराई से समझते हैं। पारिवारिक और देखभाल करने वाले होते है ।
यह राशि पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं को बहुत महत्व देती है। वे अपने परिवार और प्रियजनों का पूरा ख्याल रखते हैं।
कर्क राशि के लोग कला, संगीत, और साहित्य में रुचि रखते हैं और रचनात्मक विचारों से भरपूर होते है और कल्पना शील होते है
ये लोग अपने और अपने प्रियजनों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं।
चंद्रमा के प्रभाव के कारण, उनका मूड जल्दी बदल सकता है।
कर्क राशि पर चंद्रमा का गहरा प्रभाव होता है, जो इसे भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है। चंद्रमा का यह प्रभाव उन्हें सहानुभूति और करुणा से भर देता है।
जल तत्व से जुड़ाव
जल तत्व से संबंधित होने के कारण यह राशि गहराई, अंतर्ज्ञान, और मानसिक शांति का प्रतीक है। कर्क राशि के जातक रिश्तों में गहराई और स्थिरता लाने में विश्वास रखते हैं। वे निष्ठावान और समर्पित होते हैं।
कर्क राशि परंपराओं, मूल्यों और सांस्कृतिक धरोहरों को संजोने में विश्वास करती है।
कर्क राशि वालो को हमेशा अपनी संवेदनशीलता को अपनी ताकत बनाना चाहिए ।
मूड बार बार न बदले इसको नियंत्रित करने के लिए ध्यान और आत्मविश्लेषण करें।
रिश्तों में जरूरत से ज्यादा अपेक्षाएं और भावनात्मक विचारों से बचें।
कर्क राशि वालो को हमेशा रचनात्मक कार्यों में हिस्सा लेकर अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाना चाहिए ।
कर्क राशि के लिए अनुकूल रत्न मोती (pearl ) या मून स्टोन (moon stone) होता है
अनुकूल रंग सफेद, चांदी का रंग अनुकूल राशि वृषभ, कन्या, वृश्चिक, और मीन राशि के जातकों साथ इनके अच्छे संबंध रहते हैं।
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