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आदित्य हृदय स्त्रोत

आदित्य हृदय स्तोत्र

आदित्य हृदय स्तोत्र भगवान सूर्य नारायण की स्तुति में रचित एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली स्तोत्र है। यह स्तोत्र विशेष रूप से वाल्मीकि रामायण के युद्ध कांड में आता है, जहां महर्षि अगस्त्य ने भगवान श्रीराम को रावण के साथ युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए इसका पाठ करने का निर्देश दिया। यह स्तोत्र सूर्यदेव की कृपा और ऊर्जा को प्राप्त करने का माध्यम है।


आदित्य हृदय स्तोत्र का परिचय

"आदित्य" का अर्थ है सूर्य, और "हृदय" का अर्थ है हृदय या आत्मा। यह स्तोत्र भगवान सूर्य की महिमा का वर्णन करता है और उन्हें सृष्टि का आधार और जीवन की ऊर्जा का स्रोत मानता है।


आदित्य हृदय स्तोत्र की पृष्ठभूमि

जब भगवान श्रीराम और रावण के बीच युद्ध हो रहा था, तब रावण की शक्ति और उसकी मायावी चालों से श्रीराम असमंजस में थे। उस समय महर्षि अगस्त्य प्रकट हुए और उन्होंने श्रीराम को &quo Read More...