गृह प्रवेश पूजा का महत्व और प्रक्रिया
गृह प्रवेश पूजा एक शुभ अनुष्ठान है जो नए घर में प्रवेश करने से पहले या उसके तुरंत बाद किया जाता है। यह पूजा नए घर को सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि से भरने के लिए की जाती है। इस पूजा के माध्यम से घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा या दोष को दूर किया जाता है।
गृह प्रवेश पूजा का महत्व
- शुभ समय का चयन: गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त का निर्धारण किया जाता है ताकि ग्रहों की अनुकूल स्थिति का लाभ मिल सके।
- नकारात्मक ऊर्जा का निवारण: यह पूजा वास्तु दोषों को कम करने और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित करने में मदद करती है।
- देवी-देवताओं का आशीर्वाद: भगवान गणेश और अन्य देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा की जाती है।
- शांति और समृद्धि: पूजा के माध्यम से परिवार में शांति, सुख और समृद्धि का वातावरण बनाया जाता है।
गृह प्रवेश पूजा की प्रक्रिया
- शुद्धिकरण: पूजा से पहले घर की सफाई की जाती है और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्धिकरण किया जाता है।
- तोरण सजावट: मुख्य द्वार पर आम के पत्तों और फूलों का तोरण लगाया जाता है।
- भगवान गणेश की पूजा: सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा कर विघ्नों का नाश किया जाता है।
- हवन: हवन के माध्यम से अग्नि देव को आहुतियां दी जाती हैं।
- गौपूजन: गौमाता की पूजा कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है।
- नारियल तोड़ना: मुख्य द्वार पर नारियल तोड़कर शुभ कार्य की शुरुआत की जाती है।
- सप्तधान्य पूजा: घर के हर कोने में सप्तधान्य (सात प्रकार के अनाज) रखे जाते हैं।
- दीप प्रज्वलन: पूरे घर में दीप जलाए जाते हैं ताकि अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सके।
पूजा के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
- पूजा में पूरे परिवार का सम्मिलित होना शुभ माना जाता है।
- गृह प्रवेश पूजा के दिन घर में रसोई का शुभारंभ करें।
- ब्राह्मणों और मेहमानों को भोजन कराकर उन्हें दान दें।
गृह प्रवेश पूजा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पारिवारिक बंधन को मजबूत करने और घर को एक आनंदमय स्थान बनाने में मदद करती है।