हरतालिका तीज पूजा
हरतालिका तीज का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह व्रत मुख्य रूप से सुखी वैवाहिक जीवन और पति की लंबी आयु के लिए महिलाओं द्वारा किया जाता है। यह पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसमें माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है।
हरतालिका तीज का महत्व
-
सुखी दांपत्य जीवन:
- हरतालिका तीज का व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने के लिए रखा जाता है।
-
भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद:
- इस दिन शिव-पार्वती की पूजा से वैवाहिक जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं।
-
मनोकामना पूर्ति:
- अविवाहित कन्याएं इस व्रत को योग्य वर प्राप्ति के लिए करती हैं।
-
आध्यात्मिक शुद्धि:
- व्रत के दौरान उपवास और भक्ति से मन और आत्मा की शुद्धि होती है।
हरतालिका तीज व्रत कथा
इस व्रत का नाम "हरतालिका" इसलिए पड़ा क्योंकि पार्वती जी की सखियां उन्हें उनके पिता के घर से हरण करके घने जंगल में ले गई थीं। वहां उन्होंने शिव जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया।
हरतालिका तीज पूजा सामग्री
- शिव-पार्वती की मूर्ति या तस्वीर।
- पूजा के लिए मिट्टी या बालू रेत से बनाई गई शिवलिंग।
- केले के पत्ते, धतूरा, बेलपत्र, और भांग।
- सुहाग सामग्री (सिंदूर, चूड़ियां, महावर, काजल)।
- दीपक, घी, अगरबत्ती।
- फल, फूल, मिठाई।
- कुमकुम, अक्षत, और पान के पत्ते।
हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि
-
व्रत संकल्प:
- प्रातःकाल स्नान करके भगवान शिव-पार्वती का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
-
मूर्ति स्थापना:
- पूजा स्थल पर भगवान शिव, माता पार्वती, और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
-
पूजा सामग्री अर्पण:
- शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, और शहद अर्पित करें।
- बेलपत्र, धतूरा, और भांग चढ़ाएं।
- माता पार्वती को सुहाग सामग्री और श्रृंगार अर्पित करें।
-
मंत्र जप:
- भगवान शिव और माता पार्वती के निम्न मंत्र का जाप करें:
- "ॐ नमः शिवाय।"
- "ॐ पार्वतीपतये नमः।"
- भगवान शिव और माता पार्वती के निम्न मंत्र का जाप करें:
-
व्रत कथा का श्रवण:
- हरतालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
-
आरती और प्रसाद:
- पूजा के अंत में शिव-पार्वती की आरती करें और भोग अर्पित करें।
हरतालिका तीज व्रत के नियम
-
निर्जल व्रत:
- यह व्रत निर्जल रहकर किया जाता है, यानी बिना जल ग्रहण किए।
-
रात्रि जागरण:
- व्रत के दिन रात्रि जागरण करना शुभ माना जाता है।
-
व्रत का पालन:
- इस व्रत को बीच में छोड़ना अशुभ माना जाता है।
हरतालिका तीज का संदेश
हरतालिका तीज का व्रत महिलाओं को श्रद्धा, भक्ति, और प्रेम का प्रतीक सिखाता है। यह पर्व हमें सिखाता है कि समर्पण और तपस्या से हर कठिनाई को दूर किया जा सकता है। माता पार्वती की तरह धैर्य और भक्ति रखने से जीवन में सफलता और सुख-शांति प्राप्त होती है।