विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा पूजा देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की आराधना का पर्व है। भगवान विश्वकर्मा को निर्माण, वास्तुकला, यांत्रिकी और शिल्पकला का देवता माना जाता है। यह पर्व हर साल कन्या संक्रांति (17 या 18 सितंबर) को मनाया जाता है। इस दिन उद्योग, कारखानों, मशीनों, औजारों और विभिन्न निर्माण कार्यों से जुड़े लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं।
विश्वकर्मा पूजा का महत्व
-
निर्माण और शिल्पकला का सम्मान:
- यह पर्व भगवान विश्वकर्मा की निर्माण-कला और उनकी सृष्टि के प्रति योगदान को श्रद्धांजलि देता है।
-
श्रम और समर्पण का प्रतीक:
- यह पूजा मेहनत और समर्पण की महत्ता को रेखांकित करती है।
-
मशीनों और औजारों का शुद्धिकरण:
- इस दिन औजारों और यंत्रों की साफ-सफाई और उनकी पूजा करके इनके सही और लंबे समय तक चलने की कामना की जाती है।
-
समृद्धि और सफलता का आह्वान:
- यह पर्व कार्यक्षेत्र में सफलता और समृद्धि के लिए भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद पाने का अवसर है।
विश्वकर्मा पूजा सामग्री
- भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र।
- तांबे या पीतल का कलश।
- चावल, फूल, रोली, और कुमकुम।
- नारियल और सुपारी।
- अगरबत्ती और दीपक।
- मिठाई और फल।
- यंत्र, औजार, और मशीनें।
विश्वकर्मा पूजा विधि
-
स्नान और स्वच्छता:
- सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल और मशीनों की सफाई करें।
-
मूर्ति या चित्र स्थापना:
- भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
-
पूजा सामग्री अर्पण:
- भगवान को रोली, चावल, फूल, और कुमकुम अर्पित करें।
- नारियल और सुपारी चढ़ाएँ।
-
मशीनों और औजारों की पूजा:
- कार्यक्षेत्र में उपयोग किए जाने वाले औजारों और मशीनों को भगवान विश्वकर्मा के समक्ष रखकर उनका पूजन करें।
-
आरती और मंत्र जप:
- भगवान विश्वकर्मा की आरती करें और निम्न मंत्र का जाप करें:
- "ॐ आधार शक्तपे नमः।
ॐ कूमयि नमः।
ॐ अनन्तं नमः।
ॐ पृथिव्यै नमः।"
- "ॐ आधार शक्तपे नमः।
- भगवान विश्वकर्मा की आरती करें और निम्न मंत्र का जाप करें:
-
भोग और प्रसाद वितरण:
- भगवान को मिठाई और फल अर्पित करें और बाद में इसे सभी के बीच वितरित करें।
-
भजन और कीर्तन:
- भगवान विश्वकर्मा के नाम का गुणगान करें।
विशेष अनुष्ठान और परंपराएँ
-
मशीनों की सजावट:
- औजारों और मशीनों को फूलों और ध्वजों से सजाया जाता है।
-
श्रमिकों के लिए भोज:
- इस दिन श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए विशेष भोज का आयोजन किया जाता है।
-
नए कार्य का शुभारंभ:
- इस दिन नए प्रोजेक्ट, निर्माण कार्य, या उद्योग की शुरुआत करना शुभ माना जाता है।
-
दान और सेवा:
- गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन और अन्य सामग्रियों का दान किया जाता है।
विश्वकर्मा पूजा का संदेश
यह पर्व हमें श्रम, समर्पण, और सृजन की महत्ता सिखाता है। भगवान विश्वकर्मा के प्रति श्रद्धा प्रकट करके हम अपने कार्यों में सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह दिन हमें यह भी सिखाता है कि मेहनत और सृजन से ही जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है।