दीपावली पर लक्ष्मी गणेश पूजा
दीपावली (दीपोत्सव) का त्योहार प्रकाश, समृद्धि और शुभता का प्रतीक है। इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी धन, वैभव और समृद्धि की देवी हैं, जबकि भगवान गणेश विघ्नहर्ता और शुभता के प्रतीक हैं। दीपावली पर इन दोनों की पूजा का उद्देश्य जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति करना है। यह पूजा विशेष रूप से धनतेरस के बाद अमावस्या की रात को की जाती है, जब वातावरण पवित्रता और आध्यात्मिकता से भर जाता है।
दीपावली पर लक्ष्मी गणेश पूजा का महत्व
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धन, समृद्धि और वैभव का आह्वान:
- मां लक्ष्मी की पूजा से घर में धन और समृद्धि का वास होता है। यह पूजा वित्तीय स्थिरता और पारिवारिक समृद्धि के लिए की जाती है।
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शुभता और विघ्नों का निवारण:
- भगवान गणेश की पूजा शुभ कार्यों की सफलता और विघ्नों को दूर करने के लिए की जाती है।
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शुद्धता और आध्यात्मिकता का संचार:
- दीप जलाने और पूजा के माध्यम से घर और मन को शुद्ध किया जाता है। यह नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है।
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सौभाग्य और खुशहाली:
- दीपावली पर लक्ष्मी गणेश पूजा का उद्देश्य पूरे परिवार में खुशहाली, प्रेम और सौभाग्य को बढ़ाना है।
लक्ष्मी गणेश पूजा सामग्री
पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री का उपयोग किया जाता है:
- मूर्ति/चित्र: मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियाँ या चित्र।
- दीपक और तेल/घी
- अगरबत्ती और धूपबत्ती
- पंचामृत: दूध, दही, शहद, गंगाजल, और चीनी।
- पुष्प: गुलाब, कमल के फूल और माला।
- कलश और नारियल
- सुपारी, पान के पत्ते, चावल, हल्दी और कुमकुम।
- मिठाई, फल और प्रसाद।
- सिक्के और चांदी का सिक्का।
लक्ष्मी गणेश पूजा की विधि
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सफाई और तैयारी:
- पूजा स्थल और पूरे घर की सफाई करें। मुख्य द्वार और पूजा स्थल पर रंगोली और दीपमालाएँ सजाएँ।
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मूर्ति स्थापना:
- लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियों को साफ और पवित्र स्थान पर लाल या पीले कपड़े पर स्थापित करें। लक्ष्मीजी को गणेशजी के दाईं ओर रखें।
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कलश स्थापना:
- पूजा स्थल पर जल से भरा कलश रखें और उसमें आम के पत्ते और नारियल स्थापित करें। यह शुभता का प्रतीक है।
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पूजा की शुरुआत:
- गणपति वंदना करें:
- "ॐ गं गणपतये नमः।"
- भगवान गणेश का आवाहन कर विघ्नों को दूर करने की प्रार्थना करें।
- गणपति वंदना करें:
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मां लक्ष्मी की पूजा:
- मां लक्ष्मी को फूल, चावल, हल्दी, कुमकुम अर्पित करें।
- उन्हें पंचामृत से स्नान कराएँ और नए वस्त्र, गहने और आभूषण अर्पित करें।
- श्री सूक्त या लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
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हवन और दीप प्रज्वलन:
- हवन सामग्री से हवन कुंड में आहुति दें। दीप प्रज्वलित करें और पूजा स्थल को प्रकाशित करें।
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आरती और प्रार्थना:
- लक्ष्मी और गणेश की आरती करें।
- "जय गणेश, जय गणेश देवा..."
- "ॐ जय लक्ष्मी माता..."
- आरती के बाद परिवार के सभी सदस्य ताली बजाकर पूजा में सम्मिलित हों।
- लक्ष्मी और गणेश की आरती करें।
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प्रसाद वितरण:
- पूजा के अंत में मिठाई, फल और प्रसाद वितरित करें।
विशेष मंत्र
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गणेश मंत्र:
- "ॐ गं गणपतये नमः।"
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लक्ष्मी मंत्र:
- "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।"
दीपावली पर लक्ष्मी गणेश पूजा न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह अपने जीवन को समृद्ध, शांत और शुभ बनाने का माध्यम है। यह पूजा व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और सफलता का आशीर्वाद लाने में सहायक होती है।