नवग्रह शांति पूजा का महत्व और प्रक्रिया
नवग्रह शांति पूजा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो नवग्रहों के प्रभाव को शांत करने के लिए किया जाता है। हमारे जन्म कुंडली में नवग्रहों का विशेष प्रभाव होता है, और जब ये ग्रह अपनी अशुभ स्थिति में होते हैं, तो ये जीवन में अनेक समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं, जैसे स्वास्थ्य समस्याएं, पारिवारिक कलह, आर्थिक संकट, और मानसिक तनाव। नवग्रह शांति पूजा का उद्देश्य इन ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करना और जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, और सफलता को आकर्षित करना है।
नवग्रहों के बारे में जानकारी
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सूर्य (Surya):
- पिता, आत्मविश्वास, सरकार, और प्रतिष्ठा का कारक ग्रह।
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चंद्र (Chandra):
- मानसिक शांति, भावनाएं, और मनोबल का कारक ग्रह।
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मंगल (Mangala):
- ऊर्जा, साहस, युद्ध, और करियर का कारक ग्रह।
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बुध (Budh):
- बुद्धि, शिक्षा, संवाद, और व्यापार का कारक ग्रह।
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गुरु (Guru):
- शिक्षा, ज्ञान, गुरु, और समृद्धि का कारक ग्रह।
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शुक्र (Shukra):
- प्रेम, विवाह, कला, और विलासिता का कारक ग्रह।
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शनि (Shani):
- न्याय, समय, और कड़ी मेहनत का कारक ग्रह।
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राहु (Rahu):
- भ्रम, आकांक्षाएं, और अचानक घटनाओं का कारक ग्रह।
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केतु (Ketu):
- मोक्ष, आध्यात्मिकता, और हानि का कारक ग्रह।
नवग्रह शांति पूजा की प्रक्रिया
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शुभ मुहूर्त का चयन:
- विद्वान पंडित से परामर्श कर पूजा के लिए शुभ तिथि और समय तय करें।
- आमतौर पर विशेष दिन जैसे अमावस्या, पूर्णिमा, और ग्रहण का समय नवग्रह शांति पूजा के लिए उत्तम होता है।
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पूजा स्थल की शुद्धि:
- पूजा स्थल को गंगाजल और गौमूत्र से शुद्ध करें।
- पूजा स्थल को फूलों और दीपों से सजाएं।
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गणेश पूजन:
- पूजा की शुरुआत भगवान गणेश का आह्वान करके करें।
- उन्हें मोदक, दूर्वा, और फूल अर्पित करें।
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नवग्रह पूजन:
- नवग्रहों के लिए विशेष मंत्रों का जाप करें।
- प्रत्येक ग्रह को उसका प्रिय द्रव्य, पुष्प, और धूप अर्पित करें।
- नवग्रह शांति मंत्र:
- "ॐ सूर्याय नमः"
- "ॐ चन्द्राय नमः"
- "ॐ मंगलाय नमः"
- "ॐ बुधाय नमः"
- "ॐ गुरवे नमः"
- "ॐ शुक्राय नमः"
- "ॐ शनैश्चराय नमः"
- "ॐ राहवे नमः"
- "ॐ केतवे नमः"
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हवन और आहुति:
- हवन कुंड में नवग्रहों के विशेष मंत्रों का उच्चारण करते हुए हवन करें।
- हवन सामग्री और घी डालकर आहुति दें।
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दीप प्रज्वलन और आरती:
- पूजा के बाद दीप प्रज्वलित करें और नवग्रहों की आरती करें।
- आरती से नवग्रहों की कृपा प्राप्त होती है।
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दान और प्रसाद वितरण:
- पूजा के बाद जरूरतमंदों को भोजन और दान दें।
- सभी को प्रसाद वितरित करें।
पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
- गंगाजल, दूध, और शुद्ध घी
- हल्दी, कुमकुम, चावल, और सुपारी
- पुष्प, माला, और दीपक
- नवग्रह यंत्र और ग्रहों के चित्र
- हवन सामग्री और कपूर
- प्रत्येक ग्रह के अनुसार विशेष सामग्री:
- सूर्य: गेहूं, लाल फूल, गुड़
- चंद्र: सफेद कपड़ा, चावल, दूध
- मंगल: लाल मसूर, लाल चंदन
- बुध: मूंग, हरा कपड़ा
- गुरु: पीला कपड़ा, चने की दाल
- शुक्र: सफेद चंदन, चांदी
- शनि: काला तिल, लोहे का दान
- राहु: नारियल, नीला कपड़ा
- केतु: सरसों, हरा फल
विशेष बातें
- पूजा के बाद नियमित रूप से ग्रहों के मंत्रों का जाप करें।
- दान और परोपकार के कार्यों को नियमित रूप से करें।
- प्रत्येक ग्रह के संबंधित उपायों का पालन करें।
- जीवनशैली को सात्विक रखें और नकारात्मकता से बचें।
नवग्रह शांति पूजा ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने और जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि प्राप्त करने का एक प्रभावी उपाय है। यह पूजा व्यक्ति के जीवन को संतुलित करती है और उसे हर क्षेत्र में सफलता प्रदान करती है।