मांगलिक दोष शांति पूजा का महत्व और प्रक्रिया
मांगलिक दोष शांति पूजा एक विशेष पूजा है जो व्यक्ति के जन्म कुंडली में मंगल ग्रह से उत्पन्न दोष को शांत करने के लिए की जाती है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब किसी व्यक्ति के जन्म पत्रिका में मंगल ग्रह विशेष स्थान पर स्थित होता है, जिससे जीवन में कई प्रकार की समस्याएँ, बाधाएँ और संघर्ष उत्पन्न हो सकते हैं। विशेष रूप से विवाह में कठिनाई, पारिवारिक जीवन में तनाव, और करियर में रुकावटें आ सकती हैं। मांगलिक दोष शांति पूजा का उद्देश्य मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम करना और जीवन को सुखमय, शांति से भरपूर और समृद्ध बनाना है।
मांगलिक दोष के कारण और प्रभाव
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मांगलिक दोष का कारण:
- जब मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि में स्थित होता है, या अगर मंगल ग्रह के प्रभाव में कुछ अन्य विशेष स्थिति होती है, तो इसे मांगलिक दोष कहा जाता है।
- यह दोष तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह शादी के घर (7वें घर) में स्थित हो या मंगल की दृष्टि सप्तम घर पर हो।
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मांगलिक दोष के प्रभाव:
- विवाह में कठिनाई: मांगलिक दोष के कारण विवाह में देरी, अवरोध और तनाव उत्पन्न हो सकता है।
- पारिवारिक कलह: पति-पत्नी के बीच मतभेद और संघर्ष हो सकते हैं।
- स्वास्थ्य समस्याएं: शारीरिक समस्याएं, विशेषकर अग्नि तत्व से जुड़ी बीमारियाँ हो सकती हैं।
- आर्थिक संकट: व्यवसाय में रुकावटें, आर्थिक संकट और वित्तीय समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- समाज में प्रतिष्ठा में कमी: पारिवारिक और सामाजिक जीवन में सम्मान की कमी महसूस हो सकती है।
मांगलिक दोष शांति पूजा की प्रक्रिया
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शुभ मुहूर्त का चयन:
- पूजा के लिए सही शुभ मुहूर्त का चयन महत्वपूर्ण होता है। इस पूजा को मंगलवार के दिन विशेष रूप से किया जाता है, क्योंकि मंगल ग्रह का प्रभाव इस दिन अधिक होता है।
- अमावस्या, पूर्णिमा और मंगलवार को पूजा करने से अधिक लाभ मिलता है।
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पूजा स्थल की शुद्धि:
- पूजा स्थल को गंगाजल और शुद्ध घी से पवित्र करें।
- घर के पूजा स्थल को साफ और व्यवस्थित रखें।
- दीप, फूल, बेलपत्र और अन्य धार्मिक सामग्री से पूजा स्थल को सजाएं।
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गणेश पूजन:
- पूजा की शुरुआत भगवान गणेश के आह्वान से करें।
- गणेश जी को दूर्वा, मोदक और ताजे फूल अर्पित करें।
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मंगल ग्रह की पूजा:
- मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए उनका विशेष पूजन किया जाता है।
- मंगल ग्रह मंत्र का जाप करें:
- "ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः मंगलाय नमः"
- "ॐ अंगारकाय नमः"
- मंगल ग्रह की आराधना में ताम्र पात्र, लाल वस्त्र, मिष्ठान और लाल फूल अर्पित किए जाते हैं।
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हवन और आहुति:
- हवन कुंड में हवन सामग्री डालकर आहुति दें।
- हवन में विशेष रूप से गंगाजल, तांबे की धातु, और लाल रंग की सामग्री का उपयोग किया जाता है।
- हवन में मंगल ग्रह को शांत करने के लिए मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।
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मांगलिक दोष के उपाय:
- पूजा में मंगल दोष को शांति देने के लिए चुने हुए ग्रह की शांति पूजा, विशेष मंत्रों का जाप और दान किया जाता है।
- मांगलिक दोष शांति यंत्र को स्थापित किया जाता है और व्यक्ति के लिए विशेष रूप से जीवन में शांति और सफलता की कामना की जाती है।
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दीप प्रज्वलन और आरती:
- पूजा के बाद दीपक जलाएं और मंगल ग्रह की आरती करें।
- इस दौरान मंगल ग्रह की शांति और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
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दान और प्रसाद वितरण:
- पूजा के बाद जरूरतमंदों को दान करें और प्रसाद वितरित करें।
- यह दान विशेष रूप से लाल वस्त्र, लाल मिष्ठान, और तांबे के बर्तन के रूप में किया जाता है।
पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
- गंगाजल और शुद्ध जल
- लाल फूल, बेलपत्र और ताजे फूल
- ताम्र पात्र और लाल वस्त्र
- हवन सामग्री (घी, तांबा, तिल, और अन्य आवश्यक सामग्री)
- दीपक, धूपबत्ती और कपूर
- मंगल ग्रह के मंत्र और पूजा विधियाँ
- मिष्ठान (लाल) और तांबे के बर्तन
- मंगल यंत्र (कागज या तांबे पर बनी हुई)
विशेष बातें
- पूजा के बाद मंगल ग्रह के अच्छे प्रभाव को बनाए रखने के लिए व्यक्ति को संयमित जीवन जीना चाहिए।
- मंगल ग्रह से जुड़ी वस्तुएं, जैसे तांबे का बर्तन, लाल रंग की चीजें, और मिष्ठान, रोजाना सेवन करने से लाभ मिलता है।
- मांगलिक दोष शांति पूजा के बाद विशेष रूप से दान और तर्पण का कार्य करें।
मांगलिक दोष शांति पूजा एक शक्तिशाली उपाय है, जो जीवन में मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को शांत करता है और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली, सफलता, और समृद्धि लाता है।